Wednesday, January 23, 2019

गूगल ने लॉबीइंग पर पिछले साल रिकॉर्ड 151 करोड़ रु खर्च किए, सालाना 17% ज्यादा

टेक कंपनी गूगल ने पिछले साल (2018) अमेरिका में लॉबीइंग (अपने पक्ष में माहौल बनाना) पर 150.52 करोड़ रुपए (2.12 करोड़ डॉलर और फेसबुक ने 89.60 करोड़ रुपए (1.26 करोड़ डॉलर) खर्च किए। यह इन दोनों कंपनियों का लॉबीइंग पर अब तक का सबसे ज्यादा खर्च है। अमेरिकी संसद में मंगलवार को यह आंकड़े पेश किए गए। इससे पहले गूगल ने 2012 में रिकॉर्ड 129.36 करोड़ रुपए (1.82 करोड़ डॉलर) और फेसबुक ने 2017 में रिकॉर्ड 81.72 करोड़ रुपए (1.15 करोड़ डॉलर) खर्च किए थे।

3 महीने में गूगल ने 35 करोड़ रु खर्च किए
साल 2017 के मुकाबले गूगल ने 2018 में लॉबीइंग पर 17.5% ज्यादा रकम खर्च की। फेसबुक का खर्च 9.6% ज्यादा रहा। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में गूगल ने 34.79 करोड़ रुपए (49 लाख डॉलर) और फेसबुक ने 20.03 करोड़ रुपए (28.3 लाख डॉलर) खर्च किए।

पिछले साल गूगल और फेसबुक को कई विवादों का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि इसी वजह से दोनों कंपनियों ने लॉबीइंग पर खर्च में इजाफा किया।

पिछले साल मार्च में सामने आए डेटा लीक विवाद (क्रैंबिज एनालिटिका) की वजह से फेसबुक की काफी निंदा हुई थी। उसके बिजनेस और शेयर में भी तेज गिरावट आई थी। डेटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 5 करोड़ यूजर के निजी डेटा हासिल कर लिए थे। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी।

जिन लोगों ने अभी तक असेसमेंट ईयर 2018-19 का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है उन्हें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने चेतावनी दी है। सीबीडीटी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि ऐसे लोग अपनी टैक्स देनदारियों का आकलन कर 21 दिन में रिटर्न दाखिल करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।

रिटर्न फाइल नहीं करने वालों की लिस्ट तैयार
सीबीडीटी ने ऐसे लोगों का पता लगाया है जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में बड़ी रकम के लेन-देन किए लेकिन, रिटर्न अभी तक नहीं भरा। नॉन-फाइलर्स मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए आंकड़ों का विश्लेषण कर ऐसे लोगों की पहचान की गई है।

सीबीडीटी के मुताबिक 21 दिन में रिटर्न दाखिल होने या उचित जवाब मिलने पर मामला खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ तो आयकर कानून के मुताबिक कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

सीबीडीटी का कहना है कि आयकर रिटर्न के संबंध में इनकम टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। रिटर्न भरने से लेकर जवाब दाखिल करने तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है।

अमूल गुरुवार से देश में पहली बार ऊंटनी के दूध की बिक्री करेगा। इसकी शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद, कच्छ और गांधीधाम से की जाएगी। अमूल का स्वामित्व सहकारी महासंघ गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के पास है। इसके साथ राज्य की 18 डेयरियां जुड़ी हैं। 

फेडरेशन के महाप्रबंधक आरएस सोढी ने मंगलवार को बताया कि ऊंटनी का दूध कल से आधा लीटर की बोतल में मिलेगा। इस दूध के कई तरह के फायदे हैं। यह मधुमेह की बीमारी को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें कई तरह के पोषक और औषधीय गुण हैं। इसकी कीमत 50 रुपए प्रति लीटर होगी। यह दूध आसानी से पच जाता है। साथ ही यह दूध वे लोग भी पी सकते हैं, जिन्हें गाय और भैंस के दूध से एलर्जी है।

ऊंटनी के दूध की चॉकलेट पहले लॉन्च हुई

सोढी ने बताया, "महासंघ के तहत आने वाली कच्छ की सरहद डेयरी ने शुरूआत में चार से पांच हजार लीटर ऊंटनी का दूध प्रतिदिन एकत्रित करना शुरू किया है। यह मात्रा बढ़ने पर इसे अन्य स्थानों पर भी लॉन्च किया जायेगा।"

"पिछले साल ऊंटनी के दूध की चॉकलेट लॉन्च की गई थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया है। अमूल के ऊंटनी के दूध को फ्रिज में तीन दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।"

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