Thursday, January 31, 2019

चंद्रबाबू नायडू ने कहा- मोदी के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए उन्हें सर बोलना पड़ा

न्यूजीलैंड ने पांच मैच की सीरीज के चौथे वनडे में भारत को आठ विकेट से हरा दिया। इस जीत से उसने भारत के खिलाफ सीरीज का स्कोर 1-3 कर लिया। न्यूजीलैंड ने ट्रेंट बोल्ट (5/21) और कोलिन डी ग्रांडहोम (3/26) की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर पहले भारतीय पारी 92 रन पर समेटी। बाद में हेनरी निकोलसस (30), रॉस टेलर (37), मार्टिन गुप्टिल (14) और कप्तान केन विलियम्सन (11) की मदद से 14.4 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 93 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया।

टीम इंडिया वनडे में 7वीं बार 100 के अंदर ऑलआउट हुई। वह 10 साल बाद 100 से कम स्कोर पर ऑलआउट हुई है। उसका न्यूजीलैंड के खिलाफ यह दूसरा न्यूनतम स्कोर है। इससे पहले वह 10 अगस्त 2010 को दाम्बुला में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम 29.3 ओवर में 88 रन पर ऑलआउट हो गई थी।

न्यूजीलैंड ने चौथी बार भारत को 8 विकेट से हराया

न्यूजीलैंड ने वनडे मे भारतीय टीम को चौथी बार आठ विकेट के अंतर से हराया है। उसने घरेलू मैदान पर दूसरी बार टीम इंडिया के खिलाफ 8 विकेट से जीत हासिल की। इससे पहले उसने 14 मार्च 2009 को ऑकलैंड में भारत को 8 विकेट से हराया था। इसके अलावा वह 13 जून 1979 को लीड्स (इंग्लैंड) और 15 नवंबर 1995 को जमशेदपुर में भारत के खिलाफ 8 विकेट से जीत हासिल कर चुका है।

टीम इंडिया 92 रन ही बना पाई

चौथे वनडे में भारत की पूरी 30.5 ओवर में 92 रन पर ऑलआउट हो गई। उसके सात खिलाड़ी दहाई के अंक तक नहीं पहुंच पाए। दो खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए। भारत की ओर से सबसे ज्यादा 18 रन युजवेंद्र चहल ने बनाए। वे नाबाद रहे। न्यूजीलैंड के लिए ट्रेंट बोल्ट ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए। उन्होंने करियर में पांचवीं बार पांच विकेट लिए हैं। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गुया।

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। नायडू ने कहा कि उन्होंने मोदी के अहंकार को संतुष्ट करने और राज्य की खातिर उन्हें सर बोलना पड़ा। आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई तेदेपा की बैठक में नायडू ने कहा कि वे राज्य के साथ न्याय कर सकें, इस आशा के साथ हरसंभव कोशिश करेंगे।

'राज्य की भलाई के लिए 2014 में भाजपा से गठबंधन किया'
नायडू ने कहा, "जब मैं अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन से मिला तो उन्हें मिस्टर क्लिंटन कहा, सर नहीं। राजनीति में मोदी मेरे जूनियर हैं। लेकिन जब वे (सत्ता में) आए, मैंने उन्हें 10 बार सर कहा। ऐसा मैंने राज्य और उनके अहंकार की संतुष्टि के लिए किया। मुझे उम्मीद थी कि वे मेरे राज्य के साथ न्याय करेंगे।"

नायडू ने कहा, ''भाजपा के साथ गठबंधन राज्य की खातिर किया था। अगर हम गठबंधन न करते तो 10 सीटें और ज्यादा जीतते। भाजपा से गठबंधन तोड़ने का फैसला मैंने तब किया, जब मुझे पता चल गया था कि मोदी राज्य के साथ न्याय नहीं करेंगे।''

2014 लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा और चंद्रबाबू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने गठबंधन किया था। लेकिन आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने पर तेदेपा ने पिछले साल केंद्र और राज्य में भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं पहला व्यक्ति था, जिसने गुजरात दंगों के बाद मोदी का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांगा था। इसलिए मोदी ने आंध्र के साथ पक्षपात किया।''

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों से राजनीतिक बदला लेने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने मोदी के साथ समझौता कर लिया, जिसके बाद उनसे केस वापस ले लिए गए।

मोदी सरकार पर आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का दबाव बनाने के लिए नायडू ने गुरुवार को राज्य के सभी दलों की बैठक बुलाई है। हालांकि इस बैठक में वाईएसआर कांग्रेस, भाजपा, जन सेना और लेफ्ट पार्टियां हिस्सा नहीं लेंगी।

छठा विकेट, (13.1 ओवर) : ट्रेंट बोल्ट की यह फुल लेंथ गेंद थी। गेंद पर पीछे की ओर घूमी और केदार जाधव के आगे के पैड पर जा लगी। बोल्ट की अपील पर अंपायर ने जाधव को एलबीडब्ल्यू दे दिया। हालांकि, जाधव ने रिव्यू लिया, लेकिन फैसला मैदानी अंपायर का ही सही निकला। टीम के खाते में सिर्फ दो रन ही जुड़ पाए थे।

सातवां  विकेट, (16.4) : ग्रांडहोम की इस गेंद पर भुवनेश्वर को घूमने तक का भी मौका नहीं मिला और गेंद उनका विकेट ले उड़ी। भुवी सिर्फ एक रन ही बना पाए थे और टीम के स्कोरबोर्ड में 40 रन ही टंगे थे।
आठवां विकेट, (19.4 ओवर) : बोल्ट ने अपने पांचवें विकेट के तौर पर हार्दिक पंड्या को पवेलियन भेजा। लेग स्टम्प से बाहर जाती इस गेंद को पंड्या ने रोकने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके ग्लव्स से लगती हुई विकेट के पीछे लाथम के हाथों में पहुंच गई। इस समय तक टीम इंडिया 55 रन ही बना पाई थी।

नौवां विकेट, (29.1 ओवर) : अपना छठा वनडे खेल रहे टोड एस्टल ने कुलदीप यादव को आउट कर न्यूजीलैंड को नौवीं सफलता दिलाई। स्पिनर एस्टल की यह गेंद विकेट से बाहर जा रही थी। कुलदीप ने इसे स्वीप कर सीमा पार भेजने की कोशिश की, लेकिन डीप बैकवर्ड स्क्वायर में ग्रांडहोम ने उनका कैच लपक लिया। कुलदीप ने युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए 25 रन जोड़े थे।

10वां विकेट, (30.5 ओवर) : जेम्स नीशम की यह गेंद यॉर्कर थी। उनकी इस गेंद पर खलील अहमद अपनी ही जगह पर खड़े रह गए और गेंद उनके बल्ले के बीच से होती हुई विकेट में जा लगी। इसके साथ ही भारतीय पारी का अंत हो गया।

Wednesday, January 23, 2019

गूगल ने लॉबीइंग पर पिछले साल रिकॉर्ड 151 करोड़ रु खर्च किए, सालाना 17% ज्यादा

टेक कंपनी गूगल ने पिछले साल (2018) अमेरिका में लॉबीइंग (अपने पक्ष में माहौल बनाना) पर 150.52 करोड़ रुपए (2.12 करोड़ डॉलर और फेसबुक ने 89.60 करोड़ रुपए (1.26 करोड़ डॉलर) खर्च किए। यह इन दोनों कंपनियों का लॉबीइंग पर अब तक का सबसे ज्यादा खर्च है। अमेरिकी संसद में मंगलवार को यह आंकड़े पेश किए गए। इससे पहले गूगल ने 2012 में रिकॉर्ड 129.36 करोड़ रुपए (1.82 करोड़ डॉलर) और फेसबुक ने 2017 में रिकॉर्ड 81.72 करोड़ रुपए (1.15 करोड़ डॉलर) खर्च किए थे।

3 महीने में गूगल ने 35 करोड़ रु खर्च किए
साल 2017 के मुकाबले गूगल ने 2018 में लॉबीइंग पर 17.5% ज्यादा रकम खर्च की। फेसबुक का खर्च 9.6% ज्यादा रहा। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में गूगल ने 34.79 करोड़ रुपए (49 लाख डॉलर) और फेसबुक ने 20.03 करोड़ रुपए (28.3 लाख डॉलर) खर्च किए।

पिछले साल गूगल और फेसबुक को कई विवादों का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि इसी वजह से दोनों कंपनियों ने लॉबीइंग पर खर्च में इजाफा किया।

पिछले साल मार्च में सामने आए डेटा लीक विवाद (क्रैंबिज एनालिटिका) की वजह से फेसबुक की काफी निंदा हुई थी। उसके बिजनेस और शेयर में भी तेज गिरावट आई थी। डेटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 5 करोड़ यूजर के निजी डेटा हासिल कर लिए थे। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी।

जिन लोगों ने अभी तक असेसमेंट ईयर 2018-19 का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है उन्हें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने चेतावनी दी है। सीबीडीटी की ओर से मंगलवार को कहा गया कि ऐसे लोग अपनी टैक्स देनदारियों का आकलन कर 21 दिन में रिटर्न दाखिल करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।

रिटर्न फाइल नहीं करने वालों की लिस्ट तैयार
सीबीडीटी ने ऐसे लोगों का पता लगाया है जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में बड़ी रकम के लेन-देन किए लेकिन, रिटर्न अभी तक नहीं भरा। नॉन-फाइलर्स मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए आंकड़ों का विश्लेषण कर ऐसे लोगों की पहचान की गई है।

सीबीडीटी के मुताबिक 21 दिन में रिटर्न दाखिल होने या उचित जवाब मिलने पर मामला खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ तो आयकर कानून के मुताबिक कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

सीबीडीटी का कहना है कि आयकर रिटर्न के संबंध में इनकम टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। रिटर्न भरने से लेकर जवाब दाखिल करने तक की प्रक्रिया ऑनलाइन है।

अमूल गुरुवार से देश में पहली बार ऊंटनी के दूध की बिक्री करेगा। इसकी शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद, कच्छ और गांधीधाम से की जाएगी। अमूल का स्वामित्व सहकारी महासंघ गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के पास है। इसके साथ राज्य की 18 डेयरियां जुड़ी हैं। 

फेडरेशन के महाप्रबंधक आरएस सोढी ने मंगलवार को बताया कि ऊंटनी का दूध कल से आधा लीटर की बोतल में मिलेगा। इस दूध के कई तरह के फायदे हैं। यह मधुमेह की बीमारी को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें कई तरह के पोषक और औषधीय गुण हैं। इसकी कीमत 50 रुपए प्रति लीटर होगी। यह दूध आसानी से पच जाता है। साथ ही यह दूध वे लोग भी पी सकते हैं, जिन्हें गाय और भैंस के दूध से एलर्जी है।

ऊंटनी के दूध की चॉकलेट पहले लॉन्च हुई

सोढी ने बताया, "महासंघ के तहत आने वाली कच्छ की सरहद डेयरी ने शुरूआत में चार से पांच हजार लीटर ऊंटनी का दूध प्रतिदिन एकत्रित करना शुरू किया है। यह मात्रा बढ़ने पर इसे अन्य स्थानों पर भी लॉन्च किया जायेगा।"

"पिछले साल ऊंटनी के दूध की चॉकलेट लॉन्च की गई थी, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया है। अमूल के ऊंटनी के दूध को फ्रिज में तीन दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।"

Friday, January 11, 2019

आलोक वर्मा का पुलिस सेवा से इस्तीफा, एक दिन पहले ही सीबीआई निदेशक पद से हटाए गए थे

आलोक वर्मा ने सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के एक दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया। वे 1979 की बैच के आईपीएस अफसर हैं। 31 जनवरी को उनका रिटायरमेंट था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार चयन समिति ने 2:1 से फैसला लेते हुए उन्हें सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होमगार्ड विभाग का महानिदेशक बनाया गया था। 

वर्मा ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को भेजे इस्तीफे में कहा, ‘‘मैं अपनी सर्विस 31 जुलाई 2017 को ही पूरी कर चुका था और सिर्फ सीबीआई निदेशक के पद पर कार्यरत था। सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होमगार्ड का महानिदेशक बनने के लिए तय आयु सीमा को मैं पार कर चुका हूं।’’ इस्तीफे से पहले वर्मा ने कहा कि झूठे, अप्रमाणिक और बेहद कमजोर आरोपों को आधार बनाकर मेरा ट्रांसफर किया गया। ये आरोप एक ऐसे शख्स ने लगाए हैं, जो मुझसे द्वेष रखता है। उधर, नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है। उन्होंने गुरुवार को वर्मा द्वारा लिए फैसलों को पलट दिया।

वर्मा-अस्थाना में हुआ था विवाद
दरअसल, वर्मा और जांच एजेंसी में नंबर-2 अफसर राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद केंद्र सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था। फैसले के खिलाफ वर्मा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 76 दिन बाद बहाल किया था। साथ ही कहा कि उच्चाधिकार चयन समिति ही वर्मा पर लगे आरोपों के बारे में फैसला करेगी।

आलोक वर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उच्च सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सीबीआई एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह ऐसी संस्था है जिसकी स्वतंत्रता को सुरक्षित किया जाना चाहिए। सीबीआई को बाहरी शक्तियों के प्रभाव में आए बिना कार्य करना चाहिए। मैंने संस्था की अखंडता को बनाए रखने की कोशिश की, जबकि इसे बर्बाद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।"

सीबीआई में पहली बार दो बड़े अफसरों के बीच लड़ाई शुरू हुई थी

2016 में सीबीआई में नंबर दो अफसर रहे आरके दत्ता का तबादला गृह मंत्रालय में कर अस्थाना को लाया गया था।
दत्ता भावी निदेशक माने जा रहे थे। लेकिन गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना सीबीआई के अंतरिम चीफ बना दिए गए।
अस्थाना की नियुक्ति को वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसके बाद फरवरी 2017 में आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ बनाया गया।
सीबीआई चीफ बनने के बाद आलोक वर्मा ने अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाने का विरोध कर दिया। उन्होंने कहा था कि अस्थाना पर कई आरोप हैं, वे सीबीआई में रहने लायक नहीं हैं।

Sunday, January 6, 2019

नयनतारा सहगल का मराठी साहित्य सम्मेलन का कार्यक्रम रद्द किया गया

11 से 13 जनवरी को यवतमाल में 92वें साहित्य सम्मेलन का आयोजन होना है. इसका उद्घाटन साहित्यकार नयनतारा सहगल को करना था और उन्हें उद्घाटन भाषण भी देना था लेकिन आयोजकों ने ऐन मौक़े पर उन्हें इस सम्मेलन में आने से मना कर दिया.

उनके इस सम्मेलन में शामिल होने पर पहली बार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आपत्ति जताई थी उनका कहना था कि इसका उद्घाटन किसी मराठी साहित्यकार द्वारा ही किया जाना चाहिए जबकि नयनतारा अंग्रेज़ी की लेखिका हैं.

नयनतारा ने बीबीसी मराठी से बातचीत में कहा, "मैं इस कार्यक्रम में क्यों नहीं आ सकती इसको लेकर आयोजकों ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. उन्होंने सिर्फ़ यह कहा है कि कुछ अपरिहार्य कारणों से इस कार्यक्रम में न आएं. असहमतियों को दबाने कि कोशिश सिर्फ़ महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है."

"महाराष्ट्र जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य में जो यह हुआ है, उससे मुझे बुरा लग रहा है. मैंने मुंबई और महाराष्ट्र में बहुत से साहित्य से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है लेकिन आयोजकों के इस रवैये से मैं दुखी हूं."

शेतकरी न्याय आंदोलन समिति के देवानंद पवार कहते हैं कि उनकी भूमिका सिर्फ़ इतनी ही थी कि उनका मानना था कि अंग्रेज़ी लेखक के हाथ से उद्घाटन नहीं होना चाहिए लेकिन सहगल की अवमानना का उनका उद्देश्य नहीं था, आयोजकों को इस पर पहले ही विचार करना चाहिए था और इस तरह से सहगल को ऐन मौक़े पर न आने को कहकर माफ़ी मांगनी चाहिए.

सम्मेलन के मुख्य आयोजक अखिल भारतीय मराठी महामंडल के अध्यक्ष श्रीपाद जोशी का कहना है कि महामंडल लेखकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आदर करता है लेकिन इस सम्मेलन में व्यवधान उत्पन्न करने की धमकी कुछ लोगों ने दी थी तो इसी वजह से यह फ़ैसला लिया गया था और उन्हें बुलाने का फ़ैसला स्थानीय आयोजकों ने लिया था.

साहित्य सम्मेलन के कार्याध्यक्ष रमाकांत कोलते का कहना है कि कुछ लोगों ने उनकी भाषा पर सवाल उठाए थे कि वह अंग्रेज़ी की लेखिका हैं.

नयनतारा सहगल जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयालक्ष्मी पंडित और रंजीत सीताराम पंडित की बेटी हैं. नेहरू परिवार से जुड़े होकर भी उन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया था.

1986 में इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सहगल प्रधानमंत्री मोदी की आलोचक रही हैं. देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दबाने और बढ़ती कट्टरता के विरोध में शुरू हुए अवॉर्ड वापसी अभियान के दौरान नयनतारा पुरस्कार वापस करने वाले साहित्यकारों में से एक थीं.

साहित्य सम्मेलन में सहगल जो भाषण देने वाली थीं उसकी प्रति बीबीसी मराठी को प्राप्त हुई है जिसमें उन्होंने देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता, मॉब लिंचिंग, इतिहास के पुनर्लेखन, संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता आदि जैसे मुद्दों पर जमकर हिंदुत्व विचारधारा की आलोचना की है.

अपने लिखित भाषण में नयनतारा ने अपने माता-पिता के स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका का ज़िक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों के साथ देश के लिए लड़ाई लड़ी क्योंकि उनमें आज़ादी को लेकर जुनून था लेकिन क्या वह जुनून आज भी है.

उन्होंने लिखा है, "क्या हम उन पुरुष-महिलाओं का सम्मान करते हैं जो हमसे पहले चले गए हैं, जिनमें से कइयों ने लड़ते हुए जानें दी हैं ताकि भविष्य के भारतीय स्वतंत्र जी सकें. मैं यह सवाल इसलिए पूछ रही हैं क्योंकि हमारी स्वतंत्रता खतरे में है."

उन्होंने अपने भाषण में लिखा है कि लोग क्या खा रहे हैं, क्या पहन रहे हैं और उनकी क्या विचारधारा है, आज सब पर सवाल किए जा रहे हैं और धर्म के नाम पर नफ़रत के बीज बोए जा रहे हैं.

उन्होंने लिखा कि नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे उच्च संस्थान हिंदुत्व की नफ़रत का शिकार हो रहे हैं.

नयनतारा कहती हैं कि वह हिंदू होते हुए और उनका सनातन धर्म में विश्वास होते हुए वह हिंदुत्व को कभी स्वीकार नहीं कर सकती.

姜奇平:百度华为阿里将在新基建中发挥带头作用

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