Monday, December 24, 2018

23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, इनमें गहलोत खेमे से सबसे ज्यादा 13 मंत्री

राजस्थान में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हुआ। राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजभवन में 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। तीन दिन चले मंथन के बाद दिल्ली में राजस्थान का मंत्रिमंडल तय हुआ था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा के बाद 23 मंत्री तय किए थे। गहलोत के खेमे से 13 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। वहीं, पायलट के करीबी माने जाने वाले सात विधायक मंत्री बने हैं। दो मंत्रियों का दोनों खेमों से बराबर संपर्क है। हरीश चौधरी ऐसे विधायक हैं जो राहुल की सिफारिश पर मंत्री बनाए गए हैं।

मंत्रिमंडल पर नजर डालें तो 18 विधायक पहली बार मंत्री बने, जबकि पहली बार चुनकर आए 25 से अधिक विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। 11 महिला विधायकों में से एकमात्र सिकराय विधायक ममता भूपेश मंत्री बनीं। मुस्लिमों में भी सिर्फ पोकरण विधायक सालेह मोहम्मद को मौका दिया गया। गठबंधन के दल आरएलडी से विधायक सुभाष गर्ग भी मंत्री बनाए गए। 

कैबिनेट मंत्री

बीडी कल्ला (बीकानेर पश्चिम), शांति धारीवाल (कोटा उत्तर), परसादी लाल मीणा (लालसोट), मास्टर भंवरलाल मेघवाल (सुजानगढ़), लालचंद कटारिया (झोटवाड़ा), डॉ. रघु शर्मा  (केकड़ी), प्रमोद जैन भाया (अंता), विश्वेंद्र सिंह (डीग-कुम्हेर), हरीश चौधरी (बायतू), रमेश मीणा (सपोटरा), उदयलाल आंजना (निंबाहेड़ा) , प्रताप सिंह खाचरियावास (सिविल लाइंस) और सालेह मोहम्मद (पोकरण) को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया।

राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार

गोविंद सिंह डोटासरा (लक्ष्मणगढ़- सीकर), ममता भूपेश (सिकराय), अर्जुन सिंह बामनिया (बांसवाड़ा), भंवर सिंह भाटी (कोलायत), सुखराम विश्नोई (सांचौर), अशोक चांदना (हिंडौली), टीकाराम जूली (अलवर ग्रामीण), भजनलाल जाटव (वैर), राजेन्द्र सिंह यादव (कोटपूतली) गठबंधन दल आरएलडी के सुभाष गर्ग (भरतपुर) को राज्यमंत्री या स्वतंत्र प्रभार वाला मंत्री बनाया गया है।

18 विधायकों को पहली बार बनाया गया मंत्री

रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव, सुभाष गर्ग।

Tuesday, December 11, 2018

राहुल गांधी चुनावों में जीत के बाद मुख्यमंत्री किसे बनाएंगे: नज़रिया

2019 में होने वाले आम चुनावों से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं.

कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर ली है और मध्यप्रदेश में भी वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना एक साल उसी दिन पूरा किया जिस दिन विधान सभा चुनावों के नतीजे आए. ऐसे में उनकी पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन उनके लिए बहुत अहम है.

कांग्रेस ने एक ऐसे समय में बीजेपी को हराया है जब संगठन से लेकर मतदाताओं के बीच बीजेपी मज़बूत स्थिति में है.

ऐसे में एक टीम लीडर होने के नाते राहुल गांधी को अपने दो विश्वासपात्रों सचिन पायलट और कमल नाथ का शुक्रगुज़ार होना चाहिए.

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कमल नाथ और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के असली हक़दार हैं.

लेकिन ये याद रखना चाहिए कि राजस्थान के प्रमुख नेता अशोक गहलोत को हाल ही में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव बनाया गया है.

कांग्रेस में एआईसीसी के महासचिव (संगठन) को गांधी परिवार के बाद सबसे ज़्यादा प्रभावशाली नेता माना जाता है. ऐसे में गहलोत को ये पद दिया जाना काफ़ी अहम है.

लेकिन गहलोत को जो काम दिया गया है उसका आकलन मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में किया जाएगा.

अगर कमल नाथ की बात करें तो मई 2018 में कांग्रेस की मध्य प्रदेश शाखा का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से कांग्रेस के इस वरिष्ठ सांसद ने पेशेवर अंदाज़ में अपने काम को अंजाम दिया है.

कमल नाथ ने तेज़ी से 65 राजकीय सरकारी कर्मचारी संघों और अलग-अलग सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक समूहों तक अपनी पहुंच बनाई.

यही नहीं, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए समर्थन जुटाने की प्रक्रिया में उन्होंने भोपाल के 9 श्यामला हिल स्थित कांग्रेस दफ़्तर में कई लोगों से देर रात बैठकें भी कीं.

इस इमारत के ठीक बग़ल में शिवराज सिंह चौहान का आवास है.

कमल नाथ ने भोपाल की हुज़ूर विधानसभा में एक सिंधी समुदाय के उम्मीदवार को टिकट दिया.

सामान्य तौर पर माना जाता है कि ये समुदाय बीजेपी का समर्थन करता है. लेकिन नाथ की इस रणनीति की वजह से ये समुदाय कांग्रेस की ओर आ गया.

सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए पांच सौ लोगों की एक टीम लगातार काम करती रही.

ख़ास बात ये है कि ये टीम कांग्रेस के प्रादेशिक दफ़्तर में चल रहे वॉर रूम और सोशल मीडिया टीमों से अलग थी.

姜奇平:百度华为阿里将在新基建中发挥带头作用

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